Necessary Instructions
आवश्यक निर्देश(Necessary Instructions)
- मुख्य अनुशासनाधिकारी द्वारा समय-समय पर दिये गये लोकहित अथवा मौखिक निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा |
- प्रवेश के उपरान्त १५ दिन के अन्दर प्रदेश रसीद प्रस्तुत कर परिचय-पत्र बनवा लेना आवश्यक हैं |
- परिचय पत्र विद्यार्थियों को सदैव अपने पास रखना होगा | महाविद्यालय के किसी भी अधिकारी या प्राद्ग्यापक द्वारा परिचय पत्र माँगने पर उसे दिखाना आवश्यक हैं अन्यथा विद्यार्थी दण्ड के भागी होगें |
- परिचय पत्र खो जाने तथा नष्ट हो जाने पर विद्यार्थी इसकी लिखित सूचना अनुशासनाधिकारी को देना ताकि वह निर्धारित शुल्क जमा करके अपना परिचय पत्र पुनः प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत करेगा |
- स्थानान्तरण/चरित्र प्रमाण पत्र अनुशासनाधिकारी/प्राचार्य द्वारा प्रदान किया जायेगा | प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए दो दिन पूर्व आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा |
- किसी भी छात्र/छात्रा को दोबारा चेतावनी के बाद उसके द्वारा किये गये अशोभनीय क्रिया-कलापों को चरित्र प्रमाण पत्र में अंकित कर दिया जायेगा |
- महाविद्यालय के छात्र/छात्राओं के लिए साइकिल/वाहन स्टैण्ड बना हुआ हैं | कार्यालय में निर्धारित शुल्क जमा कर वाहन स्टैण्ड कार्ड बनवा लें व नियमानुसार वाहन खड़ा करें ताकि सुरक्षित एवं व्यवस्थित रहें |
- छात्र/छात्राओं को महाविद्यालय परिसर एवं भवनों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा | पान या गुटका खाकर थूकने/गन्दा करने पर दण्डित किया जायेगा |
- महाविद्यालय आते या जाते समय सूचना-पट्ट का अवलोकन एक बार अवश्य करें |
- छात्र/छात्रा कार्यालय/पुस्तकालय इत्यादि किसी भी काउन्टर पर पंक्तिबद्ध होकर ही उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग करें |
- महाविद्यालय परिसर/शिक्षण कक्ष में मोबाइल एवं कैमरे का प्रयोग वर्जित हैं | नियमो का उल्घन करने वाले के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी |
- विद्यालयीय/कार्यालयीय/विभागीय/विश्वविद्यालयीय/अन्य किसी प्रकार की गतिविधियाँ, कार्यवाही तथा कार्यालय एवं सम्मलेन की जानकारी छात्र/छात्रा स्वयं करते रहें अन्यथा अभाव में किसी प्रकार की त्रुटि की जिम्मेदारी स्वयं छात्र/छात्रा की होगी |
- महाविद्यालय द्वारा निर्धारित प्रवेश में ही छात्र/छात्रा कक्षा में उपस्थित हों |
अनुशासन परिषद
- विद्यार्थियों में अनुशासन एवं उत्तरदायित्व की भावना का विकास करने के लिए अनुशासन परिषद ( प्राक्टोरियल बोर्ड ) का गठन किया गया हैं | प्रत्येक विद्यार्थी से अपेक्षा की जाती हैं कि अनुशासन की व्यवस्था बनाएं रखने में अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग करें तथा ऐसा कोई भी कार्य न करें जिससे महाविद्यालय की गरिमा को क्षति पहुँचें |